tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post2806856266104809351..comments2024-03-22T21:45:18.255-07:00Comments on डायरी के पन्नों से: यह तेरा घर यह मेरा घर Anitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-57341611153128276572013-10-14T23:18:14.763-07:002013-10-14T23:18:14.763-07:00विस्मय तब भी रहता है जब समाधान नहीं मिलता, विस्मय ...विस्मय तब भी रहता है जब समाधान नहीं मिलता, विस्मय तब भी रहता है जब समाधान मिल जाता है। समाधान के बाद विस्मय सुख देता है और पहले वाला बेचैन।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-28958788129413153172013-10-13T01:22:01.065-07:002013-10-13T01:22:01.065-07:00संतोष जी, व वीरू भाई स्वागत व आभार !संतोष जी, व वीरू भाई स्वागत व आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-83363432799297406482013-10-13T01:21:26.041-07:002013-10-13T01:21:26.041-07:00सत्य वचन शकुंतला जी सत्य वचन शकुंतला जी Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-6974760330946354852013-10-12T18:27:33.038-07:002013-10-12T18:27:33.038-07:00यही तो है समत्व ,कर्म योग। यही तो है समत्व ,कर्म योग। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-48385615952447357942013-10-12T02:37:23.954-07:002013-10-12T02:37:23.954-07:00बिलकुल सही कहा आपने समाधान भीतर है, हम बहार ढूंढते...बिलकुल सही कहा आपने समाधान भीतर है, हम बहार ढूंढते हैं।संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-6984738782869771652013-10-11T19:31:37.357-07:002013-10-11T19:31:37.357-07:00" क्षिति जल पावक गगन समीरा ।" वस्तुतः हम..." क्षिति जल पावक गगन समीरा ।" वस्तुतः हमारे शरीर में जो खाली जगह है , वही आकाश का प्रतीक है । हम सभी पञ्चतत्व से ही बने हैं पर अनुपात की वजह से हम , एक दूसरे से सर्वथा भिन्न हैं । शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.com