tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post448003483455206343..comments2024-03-22T21:45:18.255-07:00Comments on डायरी के पन्नों से: तुझ संग ही नाते हों सारे Anitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-79284339800316910882014-12-08T19:18:18.256-08:002014-12-08T19:18:18.256-08:00वीरू भाई व शकुंतला जी, स्वागत व आभार !वीरू भाई व शकुंतला जी, स्वागत व आभार !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-89076364007379709272014-12-08T18:37:36.859-08:002014-12-08T18:37:36.859-08:00 परमात्मा ही परममित्र है शुभ - चिन्तक है सखा हमारा... परमात्मा ही परममित्र है शुभ - चिन्तक है सखा हमारा ।<br />बहुत सुन्दर रचना । बधाई , अनिता जी !शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-42137946408973392612014-12-08T03:03:57.368-08:002014-12-08T03:03:57.368-08:00ये सारा जगत सारी कायनात उसी की अभिव्यक्ति है। सृष...ये सारा जगत सारी कायनात उसी की अभिव्यक्ति है। सृष्टि ईश्वर से भिन्न नहीं है भले उसकी अपरा शक्ति का खेला है मात्र प्रतीति है। पर जो कुछ भी है ,जिसका अस्तित्व है वह ईश्वर ही है उससे प्रेम करना ईश्वर भक्ति ही है ,सुन्दर पोस्ट। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com