tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post7434982164176095339..comments2024-03-16T22:15:16.831-07:00Comments on डायरी के पन्नों से: गरिमा मय है मानव का पदAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-10352739146173536592015-01-16T03:48:05.593-08:002015-01-16T03:48:05.593-08:00सुन्दर प्रस्तुति।
मकरसंक्रान्ति की शुभकामनायेंसुन्दर प्रस्तुति।<br />मकरसंक्रान्ति की शुभकामनायेंPratibha Vermahttps://www.blogger.com/profile/09088661008620689973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-77447606270274399992015-01-15T06:01:56.252-08:002015-01-15T06:01:56.252-08:00अनावश्यक बातों को त्याग कर आवश्यक को ही हम ग्रहण क...अनावश्यक बातों को त्याग कर आवश्यक को ही हम ग्रहण करें तो कितनी ऊर्जा बचा सकते हैं फिर वही ऊर्जा भीतर जाने में सहायक होती है और हम मनुष्यत्व के पद की प्रतिष्ठा तभी बनाये रख सकते हैं.राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-35698246339138843282015-01-15T02:52:19.374-08:002015-01-15T02:52:19.374-08:00आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (16.01.2015...आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (16.01.2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.ae/" rel="nofollow">"अजनबी देश" (चर्चा अंक-1860)"</a> पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।<br />Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.com