tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post5798484525630404730..comments2024-03-22T21:45:18.255-07:00Comments on डायरी के पन्नों से: ज्ञान की ज्योतिAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-30023684556876259762012-01-05T23:44:14.145-08:002012-01-05T23:44:14.145-08:00उसने हमारी सारी आवश्कताओं की व्यवस्था पहले से ही क...उसने हमारी सारी आवश्कताओं की व्यवस्था पहले से ही कर दी है. वह हर क्षण हम पर नजर रखे हुए है. हम ‘मैं’ की रट लगा कर व्यर्थ ही खुद को विषाद में डाल लेते हैं.<br /><br />आपको पता है दी ...वो हमें किसी न किसी रूप में आकर राह भी दिखाता है हम अगर सजग है और मैं में लिपटे हुए नहीं हैं तो तुरंत समझ लेते हैं उसके संकेतों को !आनंदhttps://www.blogger.com/profile/06563691497895539693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-7218431512809933282012-01-05T04:57:20.306-08:002012-01-05T04:57:20.306-08:00स्वयं को भुला दें अहं त्याग दें तो अपना आप कितना ह...स्वयं को भुला दें अहं त्याग दें तो अपना आप कितना हल्का लगता है. <br />स्तीमिंग हॉट गरम इडली फूल सी हलकी होती है एहम शून्य मस्त व्यक्ति सी और ठंडी इडली एक दम से पत्थर किसी एहंकारी सी .अच्छी प्रेरक निर्मल पोस्ट .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-34858334498427030282012-01-05T03:52:54.074-08:002012-01-05T03:52:54.074-08:00सुन्दर विचार। सही कहा।आभार।सुन्दर विचार। सही कहा।आभार।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com