tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post7523883398574121045..comments2024-03-22T21:45:18.255-07:00Comments on डायरी के पन्नों से: यज्ञ बने यह जीवन अपना Anitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-62042273868867657182019-03-26T09:45:53.194-07:002019-03-26T09:45:53.194-07:00 जो पल हम सजगता के साथ जीते हैं वे भविष्य के लिए ए... जो पल हम सजगता के साथ जीते हैं वे भविष्य के लिए एक थाती बनकर हमारे साथ हो लेते हैं. जो समय यूँही चला जाता है वह खुले हुए नल से नाली में बहते पानी की तरह ही बह जाता है<br />बहुत ही सुंदर पंक्ति ,सही कहा आपने ,सादर स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.com