tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post8717638885656692550..comments2024-03-22T21:45:18.255-07:00Comments on डायरी के पन्नों से: बीज रूप है प्रेम अभीAnitahttp://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-30865716048643018792012-05-27T22:21:33.800-07:002012-05-27T22:21:33.800-07:00आप सभी सुधी जनों का स्वागत व आभार!आप सभी सुधी जनों का स्वागत व आभार!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-2054033935167464822012-05-27T08:26:39.251-07:002012-05-27T08:26:39.251-07:00स्वयं में जो प्रेम छिपा है उसे जागृत करने का नाम ह...स्वयं में जो प्रेम छिपा है उसे जागृत करने का नाम ही भक्ति है.<br /><br /> प्रेम का अद्भुत रूपRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-40266786738130886692012-05-26T11:08:05.364-07:002012-05-26T11:08:05.364-07:00खुबसूरत भाव भक्ति aur प्रेम का अद्भुत रूपखुबसूरत भाव भक्ति aur प्रेम का अद्भुत रूपRamakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-21787531316384735462012-05-26T04:49:44.236-07:002012-05-26T04:49:44.236-07:00veerubhai has left a new comment on your post &quo...veerubhai has left a new comment on your post "बीज रूप है प्रेम अभी": <br /><br />वह प्रेम रसमय है, आनंद मय है, हमारी देह, मन बुद्धि, चित्त व अहंकार हैं तो सब उसी के आश्रय से लेकिन उससे बेखबर हैं, जैसे किसी की आँख पर चश्मा चढ़ा हो और वह उसे ही ढूंढ रहा हो.<br /><br /><br />भक्ति प्रगट हो तो जीवन का आनंद आये लेकिन उससे पहले प्रेम का निराकार स्वरूप तो मुखर हो .बढ़िया विचार गंगा .शुक्रिया . .कृपया यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />शनिवार, 26 मई 2012<br />दिल के खतरे को बढ़ा सकतीं हैं केल्शियम की गोलियां<br />http://veerubhai1947.blogspot.in/तथा यहाँ भी ज़नाब - <br /><br />Moderate comments for this blog.Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-35731913813045824952012-05-26T04:07:48.017-07:002012-05-26T04:07:48.017-07:00वह प्रेम रसमय है, आनंद मय है, हमारी देह, मन बुद्धि...वह प्रेम रसमय है, आनंद मय है, हमारी देह, मन बुद्धि, चित्त व अहंकार हैं तो सब उसी के आश्रय से लेकिन उससे बेखबर हैं, जैसे किसी की आँख पर चश्मा चढ़ा हो और वह उसे ही ढूंढ रहा हो.<br /><br /><br />भक्ति प्रगट हो तो जीवन का आनंद आये लेकिन उससे पहले प्रेम का निराकार स्वरूप तो मुखर हो .बढ़िया विचार गंगा .शुक्रिया . .कृपया यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />शनिवार, 26 मई 2012<br />दिल के खतरे को बढ़ा सकतीं हैं केल्शियम की गोलियां<br />http://veerubhai1947.blogspot.in/तथा यहाँ भी ज़नाब -virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-13193080899487403242012-05-26T03:16:23.729-07:002012-05-26T03:16:23.729-07:00sundar ...aur sarthak bhi ....!!sundar ...aur sarthak bhi ....!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8731113679380035272.post-9219363357227994862012-05-26T02:01:40.521-07:002012-05-26T02:01:40.521-07:00हमेशा की तरह बेहतरीन और शानदार लेख।हमेशा की तरह बेहतरीन और शानदार लेख।Anonymousnoreply@blogger.com