Sunday, June 4, 2023

विश्व पर्यावरण दिवस पर शुभकामनाएँ

पर्यावरण शुद्ध रहे, यह सभी चाहते हैं। नदी, पहाड़, घाटी, पठार सभी स्वच्छ रहें तो उनमें बसने वाले जीव भी स्वस्थ होंगे। जल-वायु शुद्ध हों तो  मानवों का स्वास्थ्य भी अच्छा होगा। किंतु यह सब तभी संभव है जब हम गंदगी के निस्तारण की सुव्यवस्था कर सकें। आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या कचरे के इस महासुर से धरा की  रक्षा करना है। समुद्र की गहराई हो या अंतरिक्ष, धरती के सुदूर प्रदेश हों या नदियाँ, हर जगह इसके कारण प्रदूषण फैल रहा है। इसे रीसाइकिल करके पुन: उपयोग में लाने योग्य बनाने से समस्या काफ़ी हद तक हल हो सकती है।छोटे स्तर पर ही सही हम सभी अपने घर से ही इसकी शुरुआत कर सकते हैं। सर्वप्रथम सूखे कचरे व गीले कचरे को अलग-अलग रखना होगा। सब्ज़ियों के छिलकों से खाद बनायी जा सकती है। वस्तुतों को जल्दी-जल्दी  न बदलें, उन्हें पूरी तरह इस्तेमाल करें। प्लास्टिक के थैलों का उपयोग बंद करें। अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगायें। 


हरा-भरा हो आलम सारा 

हरियाली नयनों को भाती, 

मेघा वहीं बरस जाते हैं 

जहाँ  पुकार धरा से आती !


मरुथल मरुथल पेड़ लगायें 

हरे भरे वन जंगल पाएँ, 

बादल पंछी मृग शावक सब 

कुदरत देख-देख हर्षाये !


परायवर्ण हमारी थाती 

रक्षा करें सभी मिलजुल कर, 

जीवन वहीं फले-फूलेगा 

जहाँ बहेंगे श्रम के सीकर !


3 comments:

  1. बहुत बहुत आभार रवींद्र जी!

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  2. परायवर्ण हमारी थाती

    रक्षा करें सभी मिलजुल कर,

    जीवन वहीं फले-फूलेगा

    जहाँ बहेंगे श्रम के सीकर !
    बहुत सटीक...
    लाजवाब।

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  3. स्वागत व आभार सुधा जी!

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