Sunday, June 5, 2022

पर्यावरण दिवस पर शुभकामनाएँ

आज पर्यावरण दिवस है, हवा दूषित है, कहीं बारिश होती है तो होती ही चली जाती है, कहीं मानसून झलक दिखा कर चला जाता है। कहीं बाढ़ से लोग परेशान हैं तो कहीं सूखे से। वैज्ञानिक कहते हैं, ओज़ोन लेयर में छेद हो गया है, सूरज की हानिकारक किरणें भी धरती पर आ रही  हैं। धरती का हाल तो और भी दयनीय है, गंदगी, रासायनिक खाद, कीटनाशकों ने भूमि की गुणवत्ता समाप्त कर दी है। सब्ज़ियों में स्वाद नहीं आता, आए भी तो कैसे, इंजेक्शन लगाकर सब्ज़ियों का आकार बड़ा किया जाता है। दवाइयाँ डालकर फल उगाए जाते हैं। चाय जो लोग बड़े भरोसे से सुबह-शाम पीते रहते हैं, उसके  बाग़ानों में सबसे ज़्यादा विषैले कीटनाशकों का छिड़काव होता है। नदी किनारे उगने वाले शाक भी सुरक्षित नहीं, नदियाँ अब बहुत मैल धो चुकीं, अब उनकी क्षमता  से बाहर हो गया  है। इतना सब होने के बाद भी प्रकृति ने अपना रूप-सौंदर्य खोया नहीं है, क्योंकि उसके पास स्वीकार भाव है, वह मानवों से अपने प्रति हो रहे दुर्व्यवहार के प्रति शिकायत नहीं करती। अब मानव को चाहिए कि यदि उसे भी सहज  शांत रहना सीखना है तो प्रकृति के निकट जाना होगा, विकास के नाम पर, अधिक से अधिक धन कमाने की लालसा में उसका अति दोहन नहीं करना होगा; तभी दोनों के मध्य संतुलन सधेगा और हर ऋतु अपने समय पर आएगी। फलों की मिठास लौट आएगी और हवा की सुगंध भी। पर्यावरण दिवस पर हमें प्रकृति के साथ अपने रिश्ते को और सुदृढ़ बनाना होगा।  


3 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(६-०६-२०२२ ) को
    'समय, तपिश और यह दिवस'(चर्चा अंक- ४४५३)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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