१८ अगस्त २०१६
रक्षा का यह बंधन जो बांधता है और
जो बंधवाता है दोनों के लिए एक सा महत्व रखता है. एक मर्यादा का प्रतीक है यह
रेशमी धागा, मर्यादा मूल्यों की, प्रकृति के संरक्षण की और स्वयं को उच्च जीवन की
और ले जाने वाले पथ पर स्थिर रहने की. कलाई में बंधा यह याद दिलाता है कि संबंधों
की गरिमा को हर हाल में निभाना है, निभाना ही नहीं उनमें नित नये रंग भरने हैं. सीमाओं
में बंधी सुंदर जलधार ही नदी कहलाती है, जिसके दोनों तटों पर जीवन खिलता है. उसी
तरह जीवन को कुछ मर्यादाओं में बांधकर गति प्रदान करने का उत्सव है रक्षा बंधन,
जिसके कारण समाज में एकत्व और आत्मीयता की भावना का विकास होता है.
बहुत सुन्दर सामयिक सुविचार प्रस्तुति ...
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "साक्षी ने दिया रक्षाबंधन का उपहार “ , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर विचार ऋ. पहले यह बन्धन बहुत व्यापक था . कालान्तर में यह भाई बहिन तक सीमित होगया है .
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