Monday, August 24, 2015

सोम वही है वरुण है जो


वेदों में कितनी सुंदर स्तुतियाँ और प्रार्थनाएं की गयी हैं. एक मन्त्र में ऋषि कहते हैं परमात्मा हर ओर से मानव की सुरक्षा करता है. प्राची दिशा में वही अग्नि बनकर उसका मार्ग प्रशस्त करता है, उसे आगे ही आगे बढने को प्रेरित करता है. पश्चिम में वही वरुण रूप में उसे पाप से बचाता है, अर्थात रक्षा करता है. दक्षिण दिशा में परमात्मा इंद्र बनकर बल प्रदान करता है. उत्तर में सोम बनकर शांतिप्रदाता है. ऊपर की दिशा में वह बृहस्पति बनकर ऊपर उठाता है. नीचे की दिशा में वह विष्णु बनकर हमें आधार प्रदान करता है. परमात्मा हर तरफ से आत्मा को घेरे हुए है. 

3 comments:

  1. वह सर्व - शक्ति - मान कण - कण में व्याप्त है ।
    सुन्दर - प्रस्तुति

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  2. सर्वत्र व्याप्त है अस्तित्व उस परम आत्मा का...बहुत सुन्दर

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  3. स्वागत व आभार शकुंतला जी व कैलाश जी..

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