Tuesday, August 22, 2017

जब जीवन से परिचय होगा

२२ अगस्त २०१७ 
जीवन की कितनी ही परिभाषाएं कितने ही व्यक्तियों ने गढ़ी हैं लेकिन जीवन इनसे कहीं अधिक विराट है, वह कभी भी पूरा-पूरा इनमें नहीं समाता. हमारे ऋषियों ने जिस जीवन को जानने व पाने की प्रार्थना की है, वह अनंत है, असीम है और आनंद से भरा हुआ है. उस विशालता को महसूस करने के लिए उतना ही बड़ा दिल भी चाहिए, एक नया दृष्टिकोण भी चाहिए और साथ ही एक गहन आत्मीयता की भावना भी. यदि कोई एक प्रेमी की दृष्टि से इस सृष्टि को निहारता है तो वह धीरे से अपना घूँघट सरका देती है, रहस्य की एक परत खुलती है. यह सही है कि हजार परतें अब भी शेष हैं किन्तु जीवन के साथ एक नया संबंध बनने लगता है, जिसमें कोई भय नहीं है, कोई कामना भी नहीं है, यह केवल साथ होने का संबंध है. इसमें हर क्षण एक नयेपन की अनुभूति होती है क्योंकि सृष्टि पल-पल बदल रही है.

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