Saturday, August 26, 2017

बीत रहा है पल-पल जीवन

२७ अगस्त २०१७ 
जीवन हर पल हमारे लिए चुनौतियाँ खड़ी करता है. यदि मन पल भर के लिए भी विचलित हो गया तो हम अपने मार्ग से च्युत हो जाते हैं. तभी तो कबीर कहते हैं, सत्य की राह तलवार की धार पर चलने के समान है. जिन आदर्शों को हम भीतर धारण करते हैं, यथार्थ की आंच पाते ही वे पिघलने लगते हैं, और हम फिर सामान्य बातों में उलझ जाते हैं और वह समय जो एक महत्वपूर्ण दिशा की और ले जाने का अवसर प्रदान कर सकने में सक्षम था, यूँही बीत जाता है. कितनी ही बार चलते-फिरते या किसी कार्य को करते समय मन में सहज स्फुरणायें उठती हैं, कुछ प्रेरणादायक वचन, कुछ योजनायें भीतर पनपती हैं. अल्प सा विचार करके जिन्हें कार्यान्वित किया जा सकता था परन्तु परिस्थितियों की हल्की सी भी असुविधा हमें पुनः अपने जीवन को यथावत चलते रहते देने के लिए पीछे ले जाने में सफल हो जाती है. प्रतिपल लक्ष्य की स्मृति बनी रहे तभी आत्मा का विकास सम्भव है.

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