१ मार्च २०१९
भारत के उत्तर में स्थित धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला काश्मीर अनेक दशकों से भय
और आतंक के साये में जी रहा है. जिस काश्मीर के सुंदर शिकारे और बगीचे हमने
फिल्मों में देखे हैं, उस काश्मीर में धर्म के नाम पर अलगाव के बीज बोये जा रहे
हैं. हजारों सिपाही और आम आदमी इसमें मारे जा चुके हैं. आज पूरी दुनिया इसका कोई न
कोई हल चाह रही है. जिस बात को भारत एक लम्बे समय से कहता आ रहा है, आज उसी बात को
उसके मित्र देश भी कह रहे हैं. आज किसी से कश्मीर का दर्द छुपा नहीं है. वहाँ बच्चों की पढ़ाई में बाधा पड़ रही है, उनका
व्यापार खत्म हो रहा है. आज जरूरत है इस समस्या का हल निकाला जाये. इस
समस्या के कितने ही कारण हो सकते हैं, पर सबसे
बड़ा कारण है भरोसे की कमी और असली धर्म से अपरिचय. आपसी प्रेम और विश्वास के बिना
यह समस्या हल नहीं हो सकती. धर्मान्धता, अहंकार और अविश्वास के कारण ही दो पड़ोसी
देश, जो कभी एक थे, भाईचारे और सौहार्द के साथ रह नहीं पा रहे हैं, जिसका खामियाजा
निर्दोष नागरिकों को भुगतना पड़ता है.
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