Friday, May 26, 2017

सत्यम् शिवम् सुन्दरम्

२६ मई २०१७ 
निंदक नियरे राखिये’ कबीर निंदक को भी अपने पास रखने को कहते हैं और हम हैं कि मित्रों को भी दूर रखते हैं. हमारा चिन्तन जितना सामान्य होगा, मन में द्वेष रहगा, भेदभाव रहेगा और जितना उच्च होगा वह हमें हल्का कर देगा. हम उपर उठ जाते हैं तो सब एक ही दीखता है, ऊपर जाकर देखें तो बस प्रकाश ही प्रकाश है. नीचे रहें तो कीट भी हैं और कीचड़ भी. हर वस्तु का एक सत्य होता है, उस पर नजर हो तो ऊपर के आवरण हमें भरमा नहीं सकेंगे. हमें शुभ का ही चिन्तन करना है, मन का आवरण हटाना है और अपने भीतर के सत्य का साक्षात्कार करना है. 

3 comments:

  1. आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति नहीं रहे सुपरकॉप केपीएस गिल और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। एक बार आकर हमारा मान जरूर बढ़ाएँ। सादर ... अभिनन्दन।।

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  2. बहुत बहुत आभार हर्षवर्धन जी !

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  3. निश्‍चित ही अनीता जी, हर वस्तु का एक सत्य होता है, हमें अपने भीतर के एक सत्‍य को स्‍वयं ही देखना भी होगा और परखना भी।

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