१९ मई २०१७
जीवन सुखमय हो ऐसी कामना सभी करते हैं, हमारे अपनों के जीवन में सदा सुख, सम्पन्नता और स्वास्थ्य बना रहे, ऐसी भी प्रार्थना हम विशेष अवसरों पर करते हैं. इसी तरह हमें भी कितनी बार अन्यों ने सुख व स्वास्थ्य की कामनाएं भेजी हैं, भेजते ही रहते हैं,. क्या हमने कभी सोचा है इन सबका कितना बड़ा असर हमारे जीवन पर पड़ता है. दिल से निकली हुई प्रार्थना कभी भी बेअसर नहीं जाती, और ऊर्जा के नियम के अनुसार भीतर से निकली हुई हर सकारात्मक ऊर्जा लौट कर हमारे ही पास आती है. ऋषि जब 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' का गायन करते थे तो उसमें उनके हृदय की सच्ची भावना जुड़ी होती थी, जो जगत के कल्याण हेतु अपना काम करती थी, वह छोटी सी प्रार्थना लौट कर उन्हें कितना आनन्द से न भर जाती होगी. कितना अच्छा हो यदि रोज सुबह हम अपने लिए तो प्रार्थना करें या न करें स्वजनों, मित्रों और नगर, राष्ट्र तथा सम्पूर्ण सृष्टि के कल्याण की कामना से अपने दिन का आरम्भ करें.
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