२२ जून २०१८
कोई भी तनावग्रस्त व्यक्ति स्वयं के अस्तित्त्व को ही नहीं अपने
चारों ओर के वातावरण को भी दूषित करता है, इसी तरह यदि कोई व्यक्ति शांत होता है
तो शांति की लहरें उस तक ही सीमित नहीं रहतीं आस-पास के वातावरण को भी प्रभावित करती
हैं. बिखरते हुए समाज को जोड़ने का काम योग से ही हो सकता है. भारत के संतों तथा
प्रधानमन्त्री के कारण योग दिवस के रूप में विश्व को वर्ष में एक दिन ऐसा मिला है
जिसको हर व्यक्ति मना सकता है. बच्चे, युवा, वृद्ध, स्त्री, पुरुष, गरीब, अमीर सभी
किसी न किसी रूप में इस दिन अपने तन, मन और आत्मा के पोषण के लिए कुछ समय निकाल
सकते हैं. आज जब कि संसार के सभी देश किसी न किसी समस्या से ग्रस्त हैं, योगदिवस पर
लाखों लोगों ने आसन, प्राणायाम किये, ध्यान किया, जिसके परिणाम स्वरूप समाज, देश
और दुनिया में सकारात्मक ऊर्जा की लहर फैली है.
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