Sunday, August 19, 2018

पल-पल सजग रहेंं जीवन में


२० अगस्त २०१८ 
जीवन हर क्षण एक सा है, एक रस, सदा जीवंत, सदा भरपूर, उस सागर की तरह जो सदा ही जल से छलकता रहता है, कभी खाली नहीं होता. हमारा पात्र कितना बड़ा है, और हम उससे क्या चाहते हैं, यह तय करता है, कि जीवन हमारे लिए कैसा है. हमें पल-पल इसे गढ़ना है, पल-पल इसे संवारना है. इसकी देने की क्षमता अपार है, पर हमारी चाह छोटी सी है. विशाल हृदय हो तभी कोई अटल जी की तरह विरोधियों के मध्य रहकर भी अपना नाम अमर कर जाता है. हर घड़ी एक अनंत को अपने भीतर छिपाए है, जैसे अति सूक्ष्म परमाणु में अपरिमित शक्ति है, बिलकुल वैसे ही. अपने सामान्य जीवन की आपाधापी में हम इस सत्य को भुला बैठते हैं, और उस अनंत से वंचित रह जाते हैं. मन सीमित से संतुष्ट नहीं होता, उसे विस्तृत हुए बिना चैन नहीं मिलता, तभी आकाश की अनंतता उसे लुभाती है. जीवन से नजर मिलनी है तो वर्तमान क्षण की गहराई में उतरना होगा और मन के प्रांगण को उसके लिए खाली कर देना होगा.

1 comment:

  1. जीवन से साक्षात्कार वर्तमान ही करता है ...
    उत्तम विचार ...

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