Thursday, August 9, 2018

सत की चाह जगे जब भीतर


९ अगस्त २०१८ 
पहले हमें यह तय करना होगा कि हम चाहते क्या हैं, हमारी मूलभूत आवश्यकता क्या है ? हम यदि अपने वर्तमान जीवन और जीने के तौर-तरीकों से संतुष्ट नहीं हैं तो वह आदर्श स्थिति क्या है, जिसके सपने देखते हम नहीं थकते. यदि कोई अभाव हमें इस समय खल रहा है, और एक दिन उसकी पूर्ति हो जाये तो हम किस स्थिति में होंगे, और कैसा अनुभव करेंगे. हमें बिलकुल स्पष्ट होना होगा और अपने संकल्पों को सरल भाषा में स्वयं को बताना होगा. ऐसा तो नहीं कि हमारे भीतर विरोधी इच्छाएं पल रही हों और हर इच्छा दूसरी को काट देती हो. यदि हम स्वस्थ देह चाहते हैं, तो साथ ही व्यायाम और सात्विक भोजन भी हमारी चाह बनने होंगे, अन्यथा प्रमाद और गरिष्ठ भोजन हमारी पहली इच्छा को पूर्ण होने नहीं देंगे.

1 comment:

  1. उचित तरीक़ा अपनाना होगा ... सात्विक रहना होगा तभी सात्विक विचार
    मन में पनप सकते हैं ...

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