चुनावों की तिथियाँ घोषित हो चुकी हैं और आचार संहिता भी लागू हो
गयी है. उम्मीद की जा सकती है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में हिंसा रहित और
निष्पक्ष चुनाव होंगे. एक उत्सव की तरह सारा देश इसमें पूरे मन से भाग लेगा और आने
वाले दिनों में समाचार पत्रों व टीवी पर विरोधी पक्ष एक दूसरे के प्रति अभद्र भाषा
का प्रयोग नहीं करेंगे. एक सामान्य भारतीय नागरिक होने के नाते इतनी उम्मीद तो रखी
जा सकती है कि कोई भी दल आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करेगा और देश का वातावरण
सौहार्दपूर्ण बना रहेगा. देश के भीतर तथा आदेश के बाहर कुछ ऐसे तत्व हैं जो आपसी विवादों
का गलत उपयोग करते हैं, उन्हें इसका अवसर न मिले ऐसा प्रयास हर नागरिक व पार्टी को
करना ही चाहिए. कृपया आने वाले चुनावों में अपना मत देकर लोकतंत्र के इस उत्सव में
आप सभी सम्मिलित हों.
देख के सोच के और राष्ट्र संस्कृति के लिए खड़े होने वाले को ओना मत देना जरूरी है ... देश रहेगा तो आने वाली पीड़ियाँ रहेंगी ... हम उसने रूप में रहेंगे ...
ReplyDeleteसही कहा है आपने, स्वागत व आभार !
Deleteआपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 92वां जन्मदिन - वी. शांता और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। एक बार आकर हमारा मान जरूर बढ़ाएँ। सादर ... अभिनन्दन।।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार !
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