दिसंबर २००१
भक्ति हृदय को शुद्ध करती है, इससे सामर्थ्य उत्पन्न होता है. ईश्वर की समीपता का अनुभव हमें भक्ति से ही होता है. भक्ति सरल है, सहज है, अन्य योगों के सिद्धांत कठिन लग सकते हैं पर भावपूर्ण हृदय को ईश्वर को समर्पित कर देना सरल है. भक्ति में स्वयं से ही स्वयं को पाना है, जबकि अन्य योगों में शरीर, मन व बुद्धि आदि को साधन बनाना है.
Anita jee namaskaar
ReplyDeleteआपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...
आप भी मेरे ब्लाग पर आये और मुझे अपने ब्लागर साथी बनने का मौका दे मुझे ज्वाइन करके या फालो करके आप निचे लिंक में क्लिक करके मेरे ब्लाग्स में पहुच जायेंगे जरुर आये और मेरे रचना पर अपने स्नेह जरुर दर्शाए...
BINDAAS_BAATEN कृपया यहाँ चटका लगाये
MADHUR VAANI कृपया यहाँ चटका लगाये
MITRA-MADHUR कृपया यहाँ चटका लगाये