Monday, September 12, 2011

भक्ति


दिसंबर २००१ 

भक्ति हृदय को शुद्ध करती है, इससे सामर्थ्य उत्पन्न होता है. ईश्वर की समीपता का अनुभव हमें भक्ति से ही होता है. भक्ति सरल है, सहज है, अन्य योगों के सिद्धांत कठिन लग सकते हैं पर भावपूर्ण हृदय को ईश्वर को समर्पित कर देना सरल है. भक्ति में स्वयं से ही स्वयं को पाना है, जबकि अन्य योगों में शरीर, मन व बुद्धि आदि को साधन बनाना है. 

1 comment:

  1. Anita jee namaskaar
    आपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...
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