Wednesday, September 14, 2011

मृत्यु बोध


दिसम्बर २००१ 
हर रात हम एक छोटी मृत्यु का अनुभव करते हैं, पर एक विश्वास के साथ कि कल सुबह पुनः सूर्योदय देखेंगे. एक दिन ऐसी भी रात आएगी जिसकी सुबह हमारे परिचित माहौल में नहीं होगी. उस वक्त हमारा ज्ञान, हमारा ईश्वर के प्रति विश्वास ही हमारे साथ होगा. जीवन सदा के लिए नहीं मिला है, यह स्मरण रहे तो हम इसे पूर्णता से जी सकते हैं, अन्यथा व्यर्थ की दौड में पड़ कर हम अपनी ऊर्जा बहाते हैं और कुछ सार्थक हाथ नहीं आता.  

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