Monday, June 23, 2014

जीवन नया बनाया उसने

जुलाई २००६ 
सद्गुरु जीवन में एक क्रांति ला देते हैं, हमारी पुरानी सारी मान्यताओं को छुड़ाकर हमें नया बना देते हैं. साधना के पथ पर चलते हुए हम नये से हो जाते हैं और प्रतिक्षण बढ़ते रहते हैं. हमारे भीतर की जड़ता समाप्त हो जाती है. हम आत्मा में रहें तभी वृद्धि को प्राप्त होते हैं, मन तो जड़ है, वह सिकुड़ना जानता है, मन रक्षात्मक है, आत्मा प्रेमात्मक है, वह विस्तार को प्राप्त होती है.


3 comments:

  1. हम भी तो कुछ सीखें उन सबसे
    जिसने जीवन - दान दिया है ।
    वह सत् - गुरु है विद्या - दाता
    हम पर उसने उपकार किया है ।

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  2. संजय जी व शकुंतला जी, स्वागत व आभार !

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