Monday, June 17, 2019

सभी रोग जब मिट जायेंगे



बुद्ध कहते हैं, आरोग्य सबसे बड़ा लाभ है, आरोग्य का अर्थ है सारे रोगों से मुक्ति, देह, मन व आत्मा, सभी के रोगों से मुक्ति हो तभी आरोग्य लाभ हुआ मानना चाहिए. देह के रोग हैं जड़ता और आलस्य. मन के रोग हैं व्यर्थ का चिन्तन और पंच विकार. आत्मा का रोग है स्वयं को न जानना, व स्वयं को देह या मन ही जानना. सभी रोगों का केंद्र है अहंकार. अहंकार सिखाता है जब काम करने के लिए और लोग हैं तो क्यों न हम आराम से ठाठ करें. अहंकार मन में हो तभी अतीत के सुख-दुःख याद आते हैं तथा भविष्य के सुंदर सपने मन सजाता रहता है. अहंकार स्वयं ही आत्मा का स्थान लेना चाहता है, इसलिए वह उसे अपने सच्चे स्वरूप का ज्ञान नहीं होने देता. जब सब रोग गिर जाते हैं तब अहंकार भी गिर जाता है. तब जीवन में परम संतोष आता है.

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