Sunday, June 16, 2019

योग रखे निरोग



अनादि काल से सृष्टि का आयोजन चल रहा है और अनंत काल तक चलता रहेगा. हमारा जीवन इसकी तुलना में कितना छोटा है, साठ, सत्तर, अस्सी या अधिकम से अधिक सौ वर्ष हम जीने वाले हैं. हमारे जन्म से पहले भी दुनिया थी, अच्छी-खासी चल रही थी, और हमारे जाने के बाद भी इसी तरह चलती रहेगी. कुछ लोग कुछ समय तक हमें याद करेंगे, लेकिन उससे हमें कोई अंतर नहीं पड़ेगा. संत कहते हैं, इस क्षण भंगुर जीवन में क्या हम दुखी होने के लिए आये हैं, अस्तित्त्व में हर तरफ उल्लास है, उसकी मंशा हमें आनंदित करने की तो लगती है, उदास करने की नहीं. नीला आकाश, हरे मैदान, रंग-बिरंगे फूल, चहकते हुए पंछी, फुदकते हुए शावक और वर्षा की बौछारें इनका सान्निध्य हमें सहज ही मिल सकता है, पर हम इनकी ओर ध्यान ही नहीं देते. हम वही कार्य करते हैं जिसका कोई प्रत्यक्ष भौतिक लाभ होता दिखाई देता है. सात्विक आहार, समुचित योग और व्यायाम, सादगी और सरलता मानव को स्वस्थ रखने का बिना पैसे का नुस्खा है. आज पचास वर्ष के ऊपर शायद ही कोई हो जिसे किसी न किसी प्रकार की नियमित दवाई की जरूरत न पड़ती हो. इस योग दिवस पर हम सभी मिलकर यह संकल्प लें तो कितना अच्छा हो, कि नियमित योग करेंगे और करवाएंगे, भारत को एक स्वस्थ राष्ट्र बनायेंगे.

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