Sunday, September 18, 2016

वर्तमान गर जाये संवर

१८ सितम्बर २०१६ 
जीवन में अगले पल क्या घटने वाला है, हमें इसकी खबर नहीं है. यही अनिश्चितता इसे अनुपम बनाती है. वास्तव में जो कुछ भी हमें मिलता है कभी न कभी हमने ही उसकी तैयारी की थी. समय के भेद के कारण हम उस वक्त समझ नहीं पाते और भाग्य मानकर कभी ख़ुशी-ख़ुशी और कभी मन मसोसकर स्वीकार कर लेते हैं. क्या ही अच्छा हो आज के बाद हम स्वयं अपने भविष्य की तस्वीर गढें, और अपनी आँखों के सामने उसे सच होता हुआ देखें. सारा अस्तित्त्व हमारी राह देख रहा है इसमें हमारा सहयोगी बनने के लिए. हर अगला पल पिछले पल से ही उपजा है हर कल आज से ही उपजने वाला है. आज इतना मधुर बना लें कि कल मधुमास बन कर सामने आये.

2 comments:

  1. आज मधुर, कल मधुमास! काश अगर यह हो जाता!!!

    ReplyDelete
  2. स्वागत व आभार..काश नहीं, ऐसा ही है..आपका आज यदि मधुर है तो कल होने ही वाला है..

    ReplyDelete