Thursday, August 16, 2018

एक युग का अवसान


१७ अगस्त २०१८ 
भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री भारतरत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी कल शाम हमारे बीच नहीं रहे. सारा देश इस महान नेता के निधन से शोक में ग्रस्त है. अटल जी की प्रशंसा किये बिना उनके विरोधी भी नहीं रह पाते थे. उनका जीवन भारत के उत्थान और विकास के लिए समर्पित था और उसमें किसी भी तरह की स्वार्थ भावना नहीं थी. उनका हृदय इतना विशाल था कि अपने विरोधियों के अच्छे कार्यों पर उन्हें बधाई देने में वे जरा भी नहीं हिचकते थे. कवि हृदय अटल जी संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देने वाले पहले भारतीय नेता थे. हर भारतीय को उनसे कुछ सीखने की आवश्यकता है. कश्मीर से कन्याकुमारी तक और उत्तर-पूर्व से गुजरात तक आज हर आँख उन्हें विदाई देते हुए नम है. वह भारत को विश्व में उसका खोया हुआ गौरव दिलाने के लिए कृत संकल्प थे. भारत के इतिहास में सदा के लिए उनका नाम सुनहरे शब्दों में अंकित रहेगा.  

2 comments:

  1. जन्म अटल है
    मृत्यु अटल है।
    भूत अटल
    वर्तमान अटल है।
    भविष्य अटल
    भवितव्य अटल है।
    स्मृतियों के रजत पटल पर
    अटल अटल बस
    अटल अटल है!.... नमन!!!

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    1. बहुत सुंदर शब्दों में आपने अपने भावों को व्यक्त किया है, स्वागत व आभार !

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