नया महीना यानि नए वायदे करने का वक्त, नए संकल्प करने, नयी चुनौतियाँ लेने, नई ख़ुशियाँ पाने और लुटाने का वक्त है।सितम्बर का पहला सप्ताह पोषण को समर्पित है और पहला पखवाड़ा हिंदी को। विभिन्न अन्न देह का पोषण करते हैं और भाषा मन व आत्मा का। भोजन में ज्वार, बाजरा व जौ आदि मोटे अनाज को सम्मिलित करके और नियमित व्यायाम के द्वारा हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं। हिंदी के विकास के लिए हमारा कर्तव्य है कि इसे अधिक से अधिक व्यवहार में लाएँ, इसकी शुद्धता का भी ध्यान रखें। हिंदी साहित्य का प्रचार व प्रसार करें। अन्य भाषाओं से हिंदी में अनुवाद हो और इसका विपरीत भी, ताकि सभी हिंदी के महत्व व इसकी क्षमता को अनुभव कर सकें। इसी महीने शिक्षक दिवस भी मनाया जाएगा। इसी महीने इंजीनियर दिवस व हृदय दिवस भी आते हैं तथा विश्व शांति दिवस भी। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन गणपति का विसर्जन होगा व अगले दिन से पितृ पक्ष आरम्भ हो जाएगा। सितम्बर के अंतिम सप्ताह में नवरात्रि का उत्सव भी आरम्भ हो रहा है।आने वाला हर दिन सभी देशवासियों के लिए तथा विश्व के हर वासी के लिए मंगलकारी हो।
अत्यं संदेशपरक सुंदर आलेख।
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
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ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (03-09-2022) को "कमल-कुमुद के भिन्न ढंग हैं" (चर्चा अंक-4541) (चर्चा अंक-4534) पर भी होगी।
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कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत बहुत आभार शास्त्री जी !
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
Deleteबहुत अच्छी प्रेरक प्रस्तुति
ReplyDeleteआभार कविता जी!
Deleteसही कहा दी।
ReplyDeleteस्वागत है अनीता जी !
Deleteबढ़िया जानकारी। आपके विचारों से सहमत।
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
ReplyDeleteबढ़िया जानकारीयुक्त प्रस्तुति।
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