Saturday, October 22, 2011

वर्तमान में जीना


जून २००२ 

जीवन कितना अनमोल है और कितना मोहक, कान्हा की वंशी की तरह, उसकी मुस्कान की तरह, उसकी चितवन की तरह. मन में कोई उद्वेग न हो, कोई कामना न हो तो मन कितना हल्का-हल्का सा रहता है. किसी से भी कोई अपेक्षा न हो स्वयं से भी नहीं बस जो सहज रूप से मिल जाये उसे ही अपने विकास के लिये साधन बना लें और आगे बढ़ते चलें. होश पूर्वक जीना आ जाये तो हमें अ पने कार्यों, वाणी तथा विचारों के लिये कभी पश्चाताप नहीं करना पड़ता है. वर्तमान में जीना ही होश में जीना है. 

5 comments:

  1. वर्तमान ही जीवन है, भविष्य अनुमान।

    ReplyDelete
  2. सही है, हमें वर्तमान में ही जीना चाहिए।

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर ........

    ReplyDelete
  4. वर्तमान में जीना ही होश में जीना है.
    सहमत !!

    ReplyDelete