Saturday, April 22, 2023

कृतज्ञता का भाव जगे जब

भोर से रात तक  धन्यवाद देने, कृतज्ञ होने के अनेक अवसर हमें प्राप्त होते हैं। उठते ही सबसे पहले एक और नये दिन में आँखें खोलने का अवसर देने के लिए अस्तित्त्व का आभार ! परिवार साथ है,  सिर पर छत है, देश में शांति है, इसके लिए भी ईश्वर का आभार !  आहार के लिए किसानों व दुकानदारों का, आजीविका  देने के लिए  सरकार या उद्योग पतियों का कृतज्ञ होना भी ज़रूरी है। वर्तमान काल में सोशल मीडिया का, जिस पर अपनी बात रखी जा सकती है, औरों की सुनी जा सकती है। न्याय पालिका,  शासन व्यवस्था, सेना, लेखकों, पत्रकारों आदि उन सभी का धन्यवाद किया जा सकता है, जो हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।  रिश्तेदारों, मित्रों, जान-पहचान के लोगों और बच्चों के प्रति जब मन में कृतज्ञता का भाव बना रहे तो मन फूल सा हल्का रहता है। जहां धन्यवाद नहीं वहाँ शिकायत घेर लेती है । नकारात्मक भाव आते ही मन एक चक्र में फँस जाता है। तब यह भी याद नहीं रहता कि शिकायत किसके प्रति है। कृतज्ञता का भाव मन की गहराई से आता है, जो अनंत से जुड़ी है। शिकायत मन की ऊपरी सतह से आती है, जो हमें अस्त-व्यस्त कर देती है। 


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