Thursday, July 12, 2018

उठ जाग मुसाफिर भोर भयी


१३ जुलाई २०१८ 
बचपन से हम सुनते आये हैं, सुबह जल्दी उठना चाहिए, ब्रह्म मुहूर्त में उठने से बहुत प्रकार के लाभ होते हैं. संत और शास्त्र कहते हैं, उस समय आकाश में देवता भ्रमण करते हैं. सूर्योदय से दो घंटे पूर्व का समय ब्रह्म मुहूर्त माना गया है. इस बात में कितनी सच्चाई है, इसका अनुभव तो जल्दी उठकर ही हो सकेगा. जब आकाश में तारे भी निकले हों और पूर्व दिशा अभी श्रृंगार की तैयारी ही कर रही हो. उस समय हवा शीतल होती है, और एक शांत मौन सब ओर पसरा होता है. पंछियों का कलरव उस मौन को नवीन आभा से भर रहा होता है. ऐसे वातावरण में परमात्मा का स्मरण अपने आप ही होने लगता है. उस वक्त की गयी प्रार्थना सीधे दिल से उपजती है और तत्क्ष्ण देवों के द्वारा ग्रहण कर ली जाती है. वर्तमान पीढ़ी के लिए सुबह जल्दी उठना संभव ही नहीं हो पाता क्योंकि उनकी रात देर से आरम्भ होती है. किन्तु जिनके लिए यह संभव है, वे भी यदि इस अनमोल समय के साक्षी नहीं बनते तो अवश्य ही अपना परम हित नहीं कर रहे हैं.

No comments:

Post a Comment