Wednesday, October 20, 2021

जीवन में जब लय जगेगी

जीवन की सम्भावनाएँ अनंत हैं। हमारे अनंत जन्म हो चुके हैं फिर भी हम बार-बार इस जगत में लौटते हैं क्योंकि जीने के सही तरीक़े हमने सीखे नहीं हैं। यदि जीवन स्वकेंद्रित होगा तो अन्यों के साथ अन्याय होने की सम्भावना बनी ही रहेगी। यह मानव देह हमें उपहार में मिली है, श्वासें अनमोल हैं। हमारे भीतर अनछुई शक्ति के भंडार हैं जिन्हें माँगने पर ही दिया जाएगा। कुछ ही पल ऐसे होते हैं जब हम पूर्ण होश में होते हैं, ऐसा होश जो हमें हमारी स्मृति दिला देता है, देह से परे देखने की क्षमता देता है।यदि जीवन में एक लय हो, आगे बढ़ने की ललक हो तो हर पल कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।


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