Tuesday, September 13, 2022

हिंदी का भविष्य उज्ज्वल है


हिंदी एक सरल, सुंदर, सहज व समृद्धभाषा है, इसका शब्दकोश अति विशाल है। हिंदी साहित्य की परंपरा अति प्राचीन काल से आरंभ होती है । समय के साथ-साथ हिंदी के रूप  बदलते रहे हों पर या एक विस्तृत धारा की तरह अनेक भाषाओं के शब्दों को सहेजती, परिवर्तित करती बहती आयी है। यह भारत के विभिन्न प्रदेशों को जोड़ने वाली संपर्क भाषा है और एक दिन सारे विश्व को आपस में जोड़ने वाली सम्पर्क भाषा बनने की क्षमता इसमें है। यह भारत की राजभाषा होने के साथ-साथ उत्तर भारत के नौ राज्यों की भी आधिकारिक भाषा है।विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ायी जाती है; वहाँ हिंदी में साहित्य भी रचा जाता है। इंटर्नेट के इस युग में हिंदी में लिखने वाले ब्लॉगर्स की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया के हर रूप में हिंदी का प्रयोग बढ़ रहा है। यह सब देखकर लगता है हिंदी का भविष्य उज्ज्वल है। ऐसे में हिंदी भाषियों का दायित्व हो जाता है कि वे अधिक से अधिक शुद्ध हिंदी का प्रयोग करें , उसे सिखाएँ, प्रचार करें तथा उसके साहित्य का अध्ययन करें। 


4 comments:

  1. जी अनीता जी,हिन्दी उत्कर्ष के नये आयामों का स्पर्श करती निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है।विश्व की चहेती भाषाओं में इसका शुमार किया जाता है।हिन्दी दिवस पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. सही कहा है आपने, आपको भी हिंदी दिवस पर हार्दिक शुभकामनायें !

      Delete