Friday, March 17, 2023

जीवन जब उत्सव बन जाए

पल भर की चूक से सड़क पर दुर्घटना घट जाती है। थोड़ी सी असावधानी हमें भारी पड़ सकती है।। हम जीवन को अपने लिए उपहार भी बना सकते हैं और बोझ भी। दो तरह के गीत सुनने को मिलते हैं, पहली तरह हैं, दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पड़ेगा, जीवन है अगर ज़हर तो पीना ही पड़ेगा ! और दूसरी तरफ़ उत्साह से भरा यह गीत, ज़िंदगी इक सफ़र है सुहाना ! या ज़िंदगी प्यार का गीत है, इसे हर दिल को गाना पड़ेगा ! हम जीवन के सफ़र को हल्का बना लें या बोझिल, यह चुनाव हमें ही करना है। योग इसी कला का नाम है। परमात्मा से हमारी पहचान हो जाए तो जैसे बड़े आदमी से पहचान होते ही आदमी निश्चिंत हो जाता है, हमें कोई भय नहीं रहता। हम संसार की दलदल में नहीं फँसते, सदा कमल की तरह जल के ऊपर तिरते रहते हैं। 


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