हम अपने ज्ञान का अनादर न करें तो ज़रूरत से ज़्यादा ज्ञान हमारे पास है; जो एक जन्म नहीं कई जन्मों में हमें राह दिखा सकता है। हम जानते हैं कि सीधे सरल जीवन के लिए ज़्यादा ताम-झम की आवश्यकता नहीं है। साफ़-सुथरा वातावरण, हृदय में शांति, पौष्टिक आहार, हमारी क्षमता के अनुसार काम और ईश्वर का भजन एक सुखमय जीवन के लिए पर्याप्त हैं। हमारी ख़ुशी इन्हीं में है पर हमने आकाश के तारे तोड़ लाने ज़िद ही यदि ठान रखी है तो जीवन को संघर्ष बनने से भला कौन रोक सकता है। अपने अहंकार को पोषित करने में हम अपनी आत्मा को भूल जाते हैं, जो भीतर हमारी राह देख रही है। जिसके पास ही वह अनंत प्रेम व आनंद है जो वास्तव में हम तलाश रहे हैं पर उसे ढूँढ नहीं पाते। यह जीवन किसी भी दिन समाप्त हो जाएगा और उससे पूर्व ही हमें पूर्णता की अनुभूति कर लेनी है ताकि देह छोड़ते समय कोई अभाव न खले।
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