भारत में चुनावों का मौसम चल रहा है। यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है।चारों ओर एक उत्सव का सा माहौल नज़र आता है। हर सड़क, गली, नुक्कड़ और चौपाल पर चहल-पहल है।देश ही नहीं विदेशों में भी भारत के चुनाव का जादू चल गया लगता है। कनाडा निज्जर और अमेरिका पन्नू पर अटक गया है। ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को जहाँ प्रश्रय मिलता है, ऐसे भारत को विश्व सलाहें दे रहा है। जिस देश में विवाह के अवसर पर ‘गालियों’ को लोग सिर माथे लगाते हैं। होली पर लट्ठमारने की सुविधा दी जाती है; भला वहाँ चुनावों में एक-दूसरे की बखिया उधाड़ने में लोग पीछे क्यों रह जायें।आज सभी पार्टियों के नेतागण जमकर मन की भड़ास निकाल रहे हैं।विदेशी भूमि पर भारत की अखंडता को मिटाने का षड्यंत्र रचने वालों को महिमामंडित किया जा रहा है। ऐसे लोगों द्वारा जो यूक्रेन और इज़राइल को लाखों डालर देकर हज़ारों निर्दोषों को मरवा चुके है, भारत पर विदेशी भूमि पर लोगों को मरवाने का आरोप लगाया जा रहा है। यह विडंबना नहीं तो और क्या है ! आज विदेशों में पढ़ने वाले कितने ही छात्र हिंसा का शिकार हो रहे हैं।पड़ोसी देश की भाषा बोलने वाले कुछ लोग भारत में बैठे हैं, जो उनके बम का हवाला देकर भयभीत कर रहे हैं। वह अपने क़ब्ज़े वाले कश्मीर को आटा तक मुहैया नहीं करवा पा रहा और भारत के कश्मीर में उसे खून की नदियाँ बहती दिखायी पड़ती हैं; पता नहीं कौन सा चश्मा उसने चढ़ाया हुआ है। इस चुनाव में कई तेजस्वी और निर्भीक महिलाओं ने भी समाज को दिशा दिखाने का बीड़ा उठाया है।यू ट्यूबर्स की भी आज जैसे बाढ़ आ गई है, जो भविष्यवाणियाँ कर रहे हैं। सबसे बड़े भविष्यवक्ता तो मतदाता हैं, जिनके हाथ में भारत का भविष्य है। आधा रास्ता तय हो गया है, आधा सफ़र शेष है। जो इसी तरह टीवी डिबेट्स देखकर हँसते-हँसाते निकल जाएगा। जय भारत ! जय श्रीराम !
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 13 मई 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार यशोदा जी !
Deleteचुनावी चिंतन . वैश्विक समीकरण. अभिनन्दन.
ReplyDeleteस्वागत व आभार नूपुरं जी !
Deleteन्यायालय में भी अब एक पलड़े का तराजू रखा जा सकता है :) {इलेक्ट्रोनिक }
ReplyDeleteसमय बदल रहा है, कुछ भी हो सकता है, स्वागत व आभार !
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
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