Sunday, January 1, 2012

बहो बस बहो


अगस्त २००२ 
जीवन में ताजगी चाहिए तो जो कुछ हमें मिला है उसे बाँटना चाहिए. तितलियाँ, फूल, खुशबू और प्रेम को तिजोरी में नहीं रख सकते. बहता हुआ पानी ही स्वच्छ रहता है. हवा एक तरफ से प्रवेश करे और दूसरी तरफ से निकलने की भी व्यवस्था हो तो सब कुछ ताजा रहेगा. स्वार्थ वश जब वस्तुओं को हम मात्र अपने लिये चाहते हैं तो स्वयं को भी बंधन में बांध लेते हैं और मुक्त भाव से जीना भी भूल जाते हैं. जबकि हमारा मूल स्वभाव यह नहीं है और इसी लिये हम बेचैन हो जाते हैं, फिर उस बेचैनी को दूर करने के लिये हम और संग्रह करते हैं और यह दुष्चक्र चलता ही रहता है. न जाने कब जीवन की शाम आ जाये, आत्मज्ञान ही हमें इस अंधी दौड़ से मुक्त कर सकता है.  



11 comments:

  1. ताजगी देता हुआ आलेख ...
    नए वर्ष की शुभ मंगल कामनाएं ...!!

    ReplyDelete
  2. नववर्ष में यह आत्मज्ञान हो जाय तो कितना भला है!
    कुछ पल इन खयालों में जी जाय तो कितना भला है!

    ReplyDelete
  3. विश्लेषण परक गांठ बाँध लेने लायक बातें जीवन को सार्थक बनाने की समझ से ही पैदा होतीं हैं .बधाई नव वर्ष की .

    ReplyDelete
  4. मुक्त भाव से जीना ही सही मायनों में जीवन है मगर यह इतना आसान भी नहीं !

    ReplyDelete
  5. यही समझ सच्ची मुक्ति है । नववर्ष आपको सभी तरह से सुखमय हो

    ReplyDelete
  6. मन में आत्मज्ञान की तीव्र इच्छा होना ही सबसे कठिन है उसके बाद तो अस्तित्त्व सब सम्भाल लेता है...अनुपमा जी, देवेन्द्र जी, वाणी जी, वीरू भाई और गिरिजाजी आप सभी का स्वागत और आभार!

    ReplyDelete
  7. अनीता जी ,

    जीवन में ताजगी चाहिए तो जो कुछ हमें मिला है उसे बाँटना चाहिए. तितलियाँ, फूल, खुशबू और प्रेम को तिजोरी में नहीं रख सकते. बहता हुआ पानी ही स्वच्छ रहता है.

    सटीक ... यही तो मूल है ..इसे ही समझने में जिंदगियां बीत जाती हैं... बहना ..सिर्फ बहना...

    ReplyDelete
  8. "न जाने कब जीवन की शाम आ जाये, आत्मज्ञान ही हमें इस अंधी दौड़ से मुक्त कर सकता है."
    सचमुच, क्या पता कब जीवन की शाम आ जाये!
    नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!

    ReplyDelete
  9. आत्मज्ञान देती रचना बहुत सुंदर,
    नया साल सुखद एवं मंगलमय हो,..
    आपके जीवन को प्रेम एवं विश्वास से महकाता रहे,

    मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--

    ReplyDelete
  10. Bahut hi parernadayak rachna.....
    Naya saal lakho kushiyan laye aapke leeye.

    ReplyDelete
  11. बहुत ज्ञानप्रद प्रस्तुति..आभार

    ReplyDelete