कोरोना वायरस श्वास तन्त्र पर हमला करता है. फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए श्वास विधि को सीखना अति आवश्यक है. सभी जानते हैं कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी प्राणायाम और योग आसन करने चाहिए. यदि किसी को सामान्य सर्दी-जुकाम बार-बार हो जाता है तो उसे भी अपने श्वसन तन्त्र को दृढ करने के लिए कपालभाति, भस्त्रिका और नाड़ी शोधन प्राणायाम नियमित करना चाहिए. भारत में पिछले कुछ वर्षों से योग का प्रसार जन-जन में हो गया है, बहुत बड़ी आबादी सुबह की शुरुआत योग की किसी न किसी साधना से करती है, सम्भव है यही कारण है कि भारत में अभी तक कोरोना के बहुत अधिक मामले नहीं हुए हैं, अभी भी इस पर नियंत्रण किया जा सकता है. यदि हम इस बात की गम्भीरता को समझें, स्वयं को संक्रमित होने से बचायें, नियमित योग साधना के द्वारा अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रखें. नियमित जीवन शैली, शुद्ध सात्विक आहार तथा ध्यान का अभ्यास करके अपने मनोबल को बनाये रखें तो हम न केवल स्वयं सुरक्षित रह सकते हैं बल्कि विश्व के सामने आदर्श समाज का एक उदाहरण भी प्रस्तुत कर सकते हैं.
बिलकुल सही कहा आपने ,योगा जिसका महत्व हम बिसार चुके हैं उसे याद करने का वक़्त आ गया हैं ,खुद को स्वस्थ रखने का अचूक उपाय हैं ये। सार्थक लेख ,सादर नमन आपको
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
ReplyDeleteसारगर्भित एवं विचारणीय लेख आदरणीया
ReplyDeleteसादर
बहुत बहुत आभार !
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