जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जब एकाएक सब कुछ बदल जाता है, आज यह घटना किसी एक के साथ नहीं सबके साथ घटी है, जी हाँ, सारे विश्व में हरेक के साथ. विकसित हो या अविकसित कोई देश इससे बचा नहीं है, अमीर या गरीब, लोकतंत्र या राजतन्त्र, छोटा या बड़ा, डॉक्टर या मरीज, जवान या वृद्ध कोई भी कोरोना वायरस के भय से बचा नहीं है. आज हम सबको एक परीक्षा का सामना करना है, मानव ने जीवन को, स्वास्थ्य को, अपने होने को अपना अधिकार मान लिया था, आज उसकी कीमत चुकानी है. हमें अगले कुछ सप्ताहों तक घरों से बाहर नहीं निकलना है, अपनी आवश्यकताओं को कम से कम करना है, ताकि आर्थिक मंदी का असर न हो, साथ ही हम उन लोगों की कुछ मदद कर सकें जो प्रतिदिन कमाते हैं और जिनका रोजगार इस बंदी के कारण खत्म हो गया है. हमें मानसिक रूप से सबल रहना है चाहे कितना ही लंबा समय हमें इस तरह गुजारना पड़े. योग, ध्यान, संगीत, पुस्तकों का अध्ययन और सकारात्मक चिंतन हमें स्वस्थ रहने में बहुत मदद कर सकते हैं. चीन में काफी हद तक कोरोना पर काबू पा लिया गया है, यदि हम भी सरकार व डॉक्टरों की हिदायतों का पालन करेंगे तो शीघ्र ही स्थिति में सुधार होगा.
आशा का संचार करता सार्थक आलेख।
ReplyDeleteस्वागत व आभार शास्त्री जी !
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