दिसम्बर २००३
नया साल मनाने का सबसे
बड़ा उद्देश्य क्या यह नहीं कि हम समय के महत्व को जानें, समय बीत रहा है, पल-पल
करके पूरा वर्ष बीत गया और हम अपने लक्ष्य की ओर कितना कम बढ़ पाए ! कितना अच्छा
होगा कि हम नए वर्ष में नए बनें, पुरानी व्यर्थ हो चुकी मान्यताओं को छोड़ते चलें,
जो भी बोझ हमने अपने मन पर यूँ ही ओढ़ रखा है उसे उतार रखें और हल्के हो जाएँ,
क्योंकि जो बीत चुका है, वह मृत है, चाहे वह कितना भी स्वर्णिम क्यों न रहा हो,
लौटने वाला नहीं है, और भविष्य अनिश्चित है, निश्चित केवल हमारा वर्तमान ही उसे
बना सकता है. वर्तमान में रहना आ जाये तो नूतनता कभी साथ छोड़ती नहीं. हमें वर्तमान
में रहकर नित नवीनता का अनुभव करते हैं, संवेदनशील रहते हैं, जागृत रह सकते हैं,
ऊर्जावान रह सकते हैं, ऊर्जा का संरक्षण कर सकते हैं. वर्तमान में हमारे पिछले
कर्मों की गांठ खुलती है, नया वर्ष आकर यही तो सिखाता है.
सार्थक विचार ...
ReplyDeleteनव वर्ष की अग्रिम शुभकामनायें ....
अनुपमाजी, आपको भी नए वर्ष की शुभकामनायें !
Deleteबिल्कुल सही कहा आपने ..
ReplyDeleteनव वर्ष की संध्या पर सार्थक सन्देश ...
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति ...
ReplyDeleteनववर्ष २०१३ की अग्रिम शुभकामनायें ....
recent post : समाधान समस्याओं का,
धीरेन्द्र जी, स्वागत व शुभकामनायें..
Deleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 25/12/12 को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी आपका स्वागत है ।
ReplyDeleteराजेश जी, स्वागत व आभार !
Deleteसदा जी, व दिगम्बर जी स्वागत व आभार !
ReplyDeleteअच्छे वि्चार
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