Tuesday, November 13, 2018

नमन करें हम सूर्यदेव को


१३ नवम्बर २०१८ 
भारत अति प्राचीन देश है, शास्त्रों के अनुसार जितनी पुरानी यह सृष्टि है उतनी ही प्राचीन हमारी संस्कृति है. वेदों, उपनिषदों, पुराणों और स्मृतियों के रूप में हमें असीमित ज्ञान संपदा मिली है. भारतीय मनीषियों ने जीवन को एक लीला के रूप में देखा है, इसी कारण उत्सवों के क्षेत्र में भारत सर्वाधिक समृद्ध है. आज छठ का एक अनोखा पर्व सोल्लास मनाया जा रहा है, सर्वप्रथम जिसका जिक्र महाभारत व पुराणों में मिलता है. प्रकृति के साथ जोड़ने वाला यह उत्सव समाज को अनेक सुंदर संदेश देता है, नदियों को स्वच्छ रखने का संदेश और परिवार में सौहार्द और प्रेम को बढ़ावा देने का संदेश भी. इस पर्व में हमें भारत की लोक संस्कृति की अद्भुत झलक मिलती है. समाज के सभी वर्ग मिलजुल कर एक साथ उगते व अस्त होते हुए सूर्य को जब अर्घ्य देते हैं, वह दृश्य दर्शनीय होता है.

4 comments:

  1. प्रासंगिक और प्रभावी अभिव्यक्ति

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    1. स्वागत व आभार राजेन्द्र जी !

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  2. https://bulletinofblog.blogspot.com/2018/11/blog-post_13.html

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    1. बहुत बहुत आभार रश्मि प्रभा जी !

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