Tuesday, January 3, 2023

मुक्ति की जो करे कामना

सुख यानि शुभ आकाश, अपने आसपास का वातावरण जब सकारात्मक तरंगे लिए हुए हो, उसमें कोई विकार न हो। किंतु जहाँ शुभ है, वहाँ अशुभ भी हो सकता है, चाहे उस समय प्रकट नहीं हो रहा। जहाँ सकरात्मकता है, वहीं नकारात्मकता भी छिपी है। इसलिए सुख की कामना का त्याग ही मुक्ति है। इस वर्ष हमारा मूलमंत्र सुख के स्थान पर मुक्ति होना चाहिए। मुक्ति का अर्थ है, पूर्ण स्वतंत्रता, दो के द्वन्द्व  से पूरी आज़ादी ! अब न सुख की तलाश है न शुभ-अशुभ का भय ! मुक्ति का अर्थ है मन के पूर्वाग्रहों, धारणाओं, कल्पनाओं, आशंकाओं से मुक्ति ! एक ऐसे स्थान में रहने की कला जहाँ पूर्ण रिक्तता है। जहाँ इस जगत का स्रोत है। जहाँ से आवश्यक ज्ञान सभी जीवों को प्राप्त होता है, क्योंकि वह ज्ञान का भी स्रोत है। आकाश, वायु, अग्नि, जल व पृथ्वी पाँच तत्व भी वहीं से उपजे हैं। मुक्ति की कामना हमारे शास्त्रों का मूल मंत्र है। मोक्ष की अवधारणा केवल भारत में ऋषियों द्वारा की गयी है, यह परम कामना है। इसका अर्थ है छोटे संकीर्ण मन की दासता से मुक्ति और विशाल मन के साथ एक होने की कला या विज्ञान; यह व्यक्ति को पूर्ण बनाती है।   


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