अगस्त २००३
यदि हमारे मन में कोई
ऐसी बात किसी के लिए आती है जो उसके सम्मुख नहीं कह सकते तो समझना चाहिए कि मन में
विकार जगा है, मन में जगा हर विकार हमें बताता है कि अभी हम प्रभु से कितनी दूर
हैं, और जब हम गलती को दोहराते हैं तो वह जड़ पकड़ लेती है तब मन की संवेदनशीलता धीरे-धीरे
कम होने लगती है और हम प्रभु की उपस्थिति को भी भूल जाते हैं. हमें तो हर क्षण
उसकी अलख जगानी है, अपने हृदय को कोमल बनाना है, इतना कोमल कि सूक्ष्मतर विकार भी
उसे आघात पहुँचाए और हम सजग हो जाएँ. अपने हृदय पर पड़ी ईश्वर की छुअन भी हम तभी
अनुभव कर पाते हैं अन्यथा तो वह इतना निकट है कि उसकी आवाज हमें स्पष्ट सुनाई देनी
चाहिए. उसकी उपस्थिति का भाव होता रहे तो मन कितना पवित्र महसूस करता है. मनसा,
वाचा, कर्मणा हमें सजग रहना ही होगा, कहीं भी चूके तो सिवा पछतावे के कुछ भी हाथ
आने वाला नहीं है. प्रभु के पवित्र नामों का उच्चारण करते समय जब मन आँसुओं से भीग
जाये कि यह वही जिह्वा है जिससे न जाने कितने अपशब्द हमने बोले हैं और उसी का
उपयोग हम ईश्वर के नामों का उच्चारण करने में करते हैं, तो स्मरण आए, मन तो और भी
सूक्ष्म है. खाली मन ही उसका चिंतन कर सकता है.
मनसा, वाचा, कर्मणा हमें सजग रहना ही होगा,,,,,,
ReplyDeleteRECENT P0ST फिर मिलने का
यदि हमारे मन में कोई ऐसी बात किसी के लिए आती है जो उसके सम्मुख नहीं कह सकते तो समझना चाहिए कि मन में विकार जगा है, मन में जगा हर विकार हमें बताता है कि अभी हम प्रभु से कितनी दूर हैं, और जब हम गलती को दोहराते हैं तो वह जड़ पकड़ लेती है तब मन की संवेदनशीलता धीरे-धीरे कम होने लगती है.......बहुत ही गहन सत्य है ये ।
ReplyDeleteअच्छा मौजू चिंतन है इस पोस्ट में सब का जाना पहचाना सा अनुभूत किया हुआ .
ReplyDeleteकानों में होने वाले रोग संक्रमण का समाधान भी है काइरोप्रेक्टिक में
कानों में होने वाले रोग संक्रमण का समाधान भी है काइरोप्रेक्टिक में http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
मन की आवाज़ सुनो !मन दस्तक देता है आगाह करता है .हमारे कुछ भी गलत करने कहने से पहले .बढ़िया पोस्ट .
ReplyDeleteram ram bhai
मंगलवार, 18 सितम्बर 2012
कमर के बीच वाले भाग और पसली की हड्डियों (पर्शुका )की तकलीफें :काइरोप्रेक्टिक समाधान
http://veerubhai1947.blogspot.com/
बहुत सही कहा है आपने ...
ReplyDeleteकितनी सरलता से जीवन का गंभीर तथ्य देती हैं आप
ReplyDeleteधीरेन्द्र जी, रश्मि जी, इमरान, वीरू भाई, व सदा जी आप सभी का स्वागत व बहुत बहुत आभार !
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