Friday, April 17, 2020

अंतरशक्ति जगायेगा जो


शक्ति का संधान किये बिना राम भी रावण का संहार नहीं कर सके थे. आज कोरोना रूपी रावण का संहार करना है इसके लिए भी सभी देशवासियों को अपने भीतर शक्ति का संधान करना है. सबसे पहले इस लंबी लड़ाई को लड़ने के लिए मन में अनवरत उत्साह बनाए रखना जरूरी है. वैज्ञानिक और स्वास्थ्य कर्मी दिन-रात एक करके इसका निदान खोज रहे हैं, आज नहीं कल इसका वैक्सीन बन ही जायेगा. इस भरोसे को बनाये रखने के लिए सकारात्मक सोच जरूरी है, जो आती है शक्ति की साधना से. हर दिन कुछ न कुछ नया रचना या करना है, चाहे छोटे से छोटा कृत्य ही क्यों न हो. उदारता से भी शक्ति बढ़ती है और मन की गहराई में प्रेम और करुणा की जो भावना सुप्त है उसे जगाने से भी. कृतज्ञतापूर्वक अपने जीवन में मिले साधनों में से कुछ को औरों के लिए त्यागने से भी. विश्व, देश और समाज में आज जो स्थिति है उसको स्वीकार करके ही उसके पार जाने का मार्ग मिल सकता है. 

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