दीप जलाकर हम पूजा करते हैं, अतिथियों का स्वागत करते हैं, दीपावली मनाते हैं पर आज रात्रि जो दीपक हम जलाने जा रहे हैं उसके पीछे कितने ही कारण छुपे हैं. सबसे पहला कारण है भारत के नागरिकों की एकता और अखंडता की शक्ति का जागरण. संगठन में कितनी शक्ति है यह सर्वविदित है, जब हम सभी एक ही संकल्प लेकर दीपदान करेंगे तो उस संकल्प की शक्ति कितने गुणा बढ़ जाएगी, इसका अंदाजा अभी हम नहीं लगा सकते. मन एक ऊर्जा है, इसे सकारात्मक भी बनाया जा सकता है और नकारात्मक भी, जैसे एक ही विद्युत शक्ति से हम हीटर भी चलाते हैं कूलर भी, इसी तरह हमारे मन की शक्ति का उपयोग दोनों प्रकार से किया जा सकता है. सकारात्मकता और उत्साह आज हम सबकी सबसे बड़ी आवश्यकता है. जिस आपदा का सामना हम कर रहे हैं, उसे देख नहीं सकते, कब तक और कैसे उस पर विजय मिलेगी यह किसी को भी ज्ञात नहीं, ऐसे अनिश्चय के वातावरण में यदि हमारे मन सकारात्मक विचारों और शुभ भावनाओं से संयुक्त रहेंगे तभी हम अपना और अपने परिवार, समाज और राष्ट्र का तथा अंततः इस विश्व का कुछ भला कर सकते हैं. हर नकारात्मक विचार हमारी ऊर्जा को व्यर्थ ही नहीं करता उसे काटता भी है. अतः आज रात्रि नौ बजे हम सभी एक शुभ संकल्प हृदय में लेकर परमात्मा से प्रार्थना करेंगे और स्वयं की शक्ति को जगायेंगे. इसका सुखद परिणाम हमें निकट भविष्य में शीघ्र ही देखने को मिलेगा.
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteहम सभी देशवासी मिल कर प्रधानमन्त्री की आवाज पर
अपने घर के द्वार पर 9 मिनट तक एक दीप प्रज्वलित जरूर करें।
स्वागत व आभार शास्त्री जी !
ReplyDelete