Thursday, May 7, 2020

स्वयं को जिसने जान लिया है


आज बुद्ध पूर्णिमा है. भारत के इतिहास में बुद्ध का आगमन एक अभूतपूर्व घटना है. अपने जीवन और उपदेशों से उन्होंने लाखों लोगों को जीवन का मार्ग दिखाया और आज भी दिखा रहे हैं. वह अपने साधकों से कहते थे, स्वयं को जानो, देह किन तत्वों से बनी है उन्हें भी जानो. मनसा, वाचा और कर्मणा अपने कर्मों के प्रति सजग रहो, अर्थात मन, वाणी अथवा शरीर से जो भी कार्य उनसे दिन भर में होते हैं, वे करने योग्य थे या नहीं, इसकी परीक्षा करते रहो. अपने हृदय को क्रोध, राग-द्वेष और आसक्ति से दूर रखो. नेत्र, नासिका, कर्ण, त्वचा जिह्वा तथा मन को व्यर्थ शक्ति का अपव्यय न करने दो. ज्ञान की शक्ति के द्वारा उन्हें नियंत्रित करके अपने साथियों को भी प्रेरित करो. धन, यश और इन्द्रियों के सुख के पीछे मत भागो. ध्यान के अभ्यास द्वारा उस आंतरिक सुख और शांति का अनुभव करो जो तुम्हारा स्वभाव है. 

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