४ जून २०१७
जीवन प्रतिदिन एक नई सुबह का वरदान देता है. हर रात अपने साथ सारी थकान ही नहीं ले
जाती, विश्राम के पलों में नई ऊर्जा से मन को भर देती है. जिसने हँसकर सुबह का स्वागत
किया वह अपनी दोपहर में कुछ रचने ही वाला है, और उसकी संध्या भी अनंत के प्रति आभार
से भर जाएगी. रात्रि का स्वागत भी वह एक तृप्त हृदय के साथ करेगा. जिसने आपने
आनन्द को प्रकृति के साथ साझा करना सीख लिया प्रकृति भी उसके मार्ग में चमत्कार बुन
देती है. प्रकृति पल-पल अपना सब कुछ बाँट रही है, हमें भी इस जीवन में जो कुछ भी
मिला है, उसी से मिला है, उसी की भांति देने की कला जब किसी को आ जाये तो जीवन का
हर पल नया लगता है.
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