२६ अगस्त २०१७
अंधश्रद्धा मानव को किस कदर
विवेकहीन बना देती है इसका उदाहरण हरियाणा और पंजाब में हो रहे घटनाक्रम को देख कर
मिल रहा है. राष्ट्र की सम्पत्ति को हानि पहुँचाने वाले इतना सा सच भी नहीं देख पा
रहे हैं कि अंततः वे अपनी ही सम्पत्ति को नष्ट कर रहे हैं. जो साधना उनमें इतना सा
भी विवेक जागृत नहीं कर सकी, उसका न होना ही अच्छा है. गुरू का काम है शिष्यों के
जीवन से अज्ञान का अन्धकार दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाये, किंतु आज तथाकथित
गुरू लोगों की श्रद्धा का लाभ उठाकर अपने स्वार्थ के लिए उनका उपयोग करते हैं.
आश्चर्य होता है जब पढ़े-लिखे लोग भी उनकी चाल में फंस जाते हैं. आज भारत के लिए
कितना दुखद दिन है जब हिंसा और आगजनी की घटनाएँ एक अपराधी को बचाने के लिए हो रही
हैं. सभी जागरूक लोगों को ऐसे अंधभक्तों से भारत को बचाना होगा.
sahi kaha apne
ReplyDeleteस्वागत व आभार !
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