२० मार्च २०१८
पार्वती, दुर्गा, भवानी, अंबा, सरस्वती, लक्ष्मी, गौरी और संतोषी, देवी
माँ के विभिन्न नाम और रूप हैं. एक ही शक्ति नये-नये रूपों में व्यक्त होकर जगत को
प्रेरित करती है. पार्वती यानि पर्वत पुत्री के रूप में जो अचल रहना सिखाती है, दुर्गा के रूप
में जड़ता रूपी असुर का संहार करने की प्रेरणा देती है. जो व्यक्ति अथवा समाज जड़ हो
जाता है, वह विनाश को ही प्राप्त होता है. भवानी श्रद्धा का प्रतीक है तो अंबा
वात्सल्य का. सरस्वती ज्ञान प्रदायिनी है, लक्ष्मी समृद्धि दात्री है. गौरी मंगला
है और संतोषी जीवन में संतुष्टता का वरदान देती है. नवरात्र के दिनों में हम देवी
के किसी भी रूप की उपासना करें, अंतर में हर्ष होता है और वातावरण भी पावन होता
है.
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