Friday, March 2, 2018

होली आई रे कन्हाई


३ मार्च २०१८ 
होली का उत्सव यानि प्रेम का उत्सव, होली रंगों में भीग कर सबके साथ एक हो जाने का उत्सव है, छोटे-बड़े का भेद भुलाकर समानता का अनुभव करने का उत्सव है. हर पुरानी कड़वाहट को मिटाकर गुझिया की मिठास बांटने का उत्सव है. होली जैसा अनोखा उत्सव और कोई नहीं, जिसमें एक दिन के लिए मन अतीव उल्लास से भर जाता है. जान-पहचान हो या न हो सभी को रंग लगाने का अपने आनंद में शामिल करने का जिसमें सहज ही प्रयास होता है. मन विशाल हो जाता है, किन्तु इसे भी कुछ लोग अहंकार के कारण चूक जाते हैं. हमारे आपसी मतभेद और टकराहटें जब समष्टि के इतने बड़े आयोजन को देखकर भी दूर नहीं होते तब उनके मिटने का और कोई उपाय नजर नहीं आता.

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