१० फरवरी २०१९
माघ माह के शुक्ल
पक्ष की पंचमी तिथि से वसंत ऋतु का आगमन होता है. इसी दिन को माँ सरस्वती का
आविर्भाव दिवस भी माना जाता है और इनकी पूजा का आयोजन भी किया जाता है. यह विद्या,
बुद्धि, ज्ञान और वाणी की अधिष्ठात्री देवी हैं, जिन्हें शारदा, वीणापाणि, भारती
आदि नामों से भी सम्बोधित किया जाता है. शब्दब्रह्म के रूप में अपने मूलस्थान
प्रकाशपुंज से पचास अक्षरों के रूप में यह निरंतर ज्ञानामृत प्रवाहित करती हैं. वे
सौम्यगुणों की दात्री भी हैं. इनकी उत्पत्ति सत्त्वगुण से हुई है, इसलिए इनकी
आराधना एवं पूजा में प्रयुक्त होने वाली उपचार सामग्रियों में अधिकांश श्वेत वर्ण
की होती हैं. सद्ग्रंथों का पाठ करने से भी देवी सरस्वती की पूजा हो जाती है.
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